और अनुशासन का प्रतीक है। जब जन्म कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में होता है, तो व्यक्ति को जीवन में कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है। इसे ही शनि दोष कहते हैं।
शनि दोष के लक्षण:
करियर और व्यवसाय में रुकावट
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
वैवाहिक जीवन में तनाव
आर्थिक परेशानियां
शनि दोष के निवारण के उपाय:
1. शनि मंत्र का जाप: प्रतिदिन “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का 108 बार जाप करें।
2. शनिवार का व्रत: हर शनिवार व्रत रखें और काले तिल, सरसों का तेल और लोहे का दान करें।
3. पीपल वृक्ष की पूजा: शनिवार को पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और दीपक जलाएं।
4. नीलम धारण करें: योग्य ज्योतिषी की सलाह लेकर शनि ग्रह से संबंधित नीलम रत्न धारण करें।
5. गरीबों को दान करें: जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें।
शनि दोष का प्रभाव कब होता है?
शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा के समय इसका प्रभाव अधिक होता है। यदि व्यक्ति इन उपायों को अपनाता है, तो जीवन में शांति और स्थिरता आ सकती है।